"" उतरप्रदेश को ये साथ पसंद है। "" इस नारे के साथ दो प्रतिभावान युवा साथ आये और.... जनता ने उनके साथ को पसंद करते हुये पुरे सम्मान के साथ एक ही डगर भेज दिया ।
युँ तो बबुआजी भले आदमी है, जनता का साथ भी उनको अपेक्षीत है, पर, उनकी नयी दोस्ती का लाज बचाये रखने के लिए जनता ने उन्हें भी दोस्त के श्रेणी में डाल दिया ।भई आखिर दोस्ती समान श्रेणी वाले में ही होती है न।
बहन जी ने पुरे अभियान में अल्पसंख्यको का अवाहन किया और जनता ने उनके अवाहन को स्वीकार करते हुये, उनके पार्टी को फिर से अल्पसंख्यक बना दिया ।
सब कहते थे यूपी में नोटबंदी बिजेपी को ले डुबेगी और सच में बिजेपी ऐसे ले डुबी जैसे शायद फिर कभी न ले डुबे।
फेकु की जुमलेबाजी उतरप्रदेश में नहीं चलेगी न चलने देगें, ऐसा सबने सोचा और इसलिए उसे चलने नहीं, दौड़ने दिया ।
और धरनेवाल ने पंजाब में ऐसा खूंटा गाड़ा की जिनसे दिल्ली को मुक्त किया था, उन्हें ही पंजाब सौंप दिया ।
शर्मीला ईरोम ने एक बार में ही ज्ञान पा लिया की केजरीवाल को समर्थन देकर या उनसे पाकर केजरीवाल नहीं बना जा सकता । (मणीपुर चुनाव)
और अन्त में कोई कुछ भी कह ले कर ले पर जनता को सब पता है, किसने कहाँ पर क्या किया है ।जनता पहले वाली नहीं रही जो मुफ्त के सपनो को माने, अब जनता को मंहगे सपने चाहिए, जब पुरा नहीं ही होना है तो थोड़ा क्युं ज्यादा न हो।
धन्यवाद ।