है, इक अजब सा प्रश्न......! चारो ओर हो रहा अधर्म, कहीं नजर आता नहीं धर्म, सब भाग रहे छोड़ अपने-अपने कर्म|
देख दूर्गती सामाज की है, टूटता अब मेरा भी हौसला | मेरे मन में है उठ रहा प्रश्न की अब - "कौन करेगा फैसला? "......!
है कौन भला, है कौन बुरा, ये कौन करेगा फैसला? है कौन बड़ा, है कौन छोटा, ये कौन करेगा फैसला? है कौन लूटता, है कौन लूटाता, ये कौन करेगा फैसला? है कौन दाता, है कौन पाता, ये कौन करेगा फैसला?
सब इक थाली के चट्टे-बट्टे, किसकी सुध ले कौन, किसकी सुध ले कौन?
है कौन अन्यायी, है कौन न्यायी, ये कौन करेगा फैसला? है कौन राजा, है कौन प्रजा, ये कौन करेगा फैसला? है कौन रक्षक, है कौन भक्षक, ये कौन करेगा फैसला?
बदल रहा जमाना,बदल रहा तराना, पर छीनती खुशियों, के आगे है, किसका दुख - दर्द कितना बड़ा, ये कौन करेगा फैसला?
है कौन इंसान, है कौन हैवान, ये कौन करेगा फैसला? है सत्य कहाँ, है असत्य कहाँ, ये कौन करेगा फैसला? है सिर्फ शैतान यहाँ तो, है भगवान कहाँ? ये कौन करेगा फैसला?
ये कौन करेगा फैसला?
"कौन करेगा फैसला? "