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मिठी नींद टूट गयी

  • Writer: etaoppvtltd
    etaoppvtltd
  • Dec 31, 2020
  • 1 min read

किसी के आरजु की आबरू है, लुट गयी, किसी के सपनो वाली मिठी नींद है, टूट गयी।

कहीं एहसास मुहब्बत वाली बिच में ही है, छूट गयी, कहीं रात के घर से चांदनी लौट गयी ।

कहीं दिल के दरवाजे पर घंटी बजी थी, प्यार की, खुले दरवाजा जब तक, वो कहीं और ही है बंट गयी ।

जब तक सोचा बाँध ले एक बाँध प्यार की, उस दरिया ने प्यार की है, रूख मोड़ ली।

किसी से कहनी थी जो बात वो दिल में रह गयी, जो ख्वाब बनीं, न दौड़ा पिछे, ख्वाबों से रूठ गयी ।

किसी के आरजु की आबरू है, लूट गयी, किसी की सपनो वाली मिठी नींद, टूट गयी ।

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