कुछ आप कहो, कुछ हम कहें, और बातें हौले-हौले हो..... ।
सुर छेड़ो आप नये सरगम के, मैं नगमे लिख फरियाद करूँ। कुछ आप कहो, कुछ हम कहें, और बातें हौले-हौले हो..... ।
सोचें जो ये सोच सके जग वाले, और नजरों की भाषा अपनी हो। कुछ आप कहो, कुछ हम कहें, और बातें हौले-हौले हो..... ।
चल चलें इस कोलाहल से दुर कहीं, जहां आँसू भी अपने, खुशियां अपनी हो।
कुछ आप कहो, कुछ हम कहें, और बातें हौले-हौले हो..... ।
चाँदनी जो उतरे आँगन में, शीतलता उसकी अपने मन में हो।
कुछ आप कहो, कुछ हम कहें, और बातें हौले-हौले हो..... ।
ऐसी ईक दुनिया हो जहाँ, जेठ की तपिश भी अपनी हो, सावन की बारिश अपनी हो।
कुछ आप कहो, कुछ हम कहें, और बातें हौले-हौले हो.... ।
क्या समझेंगे पिछे वाले, साँसों की स्वर में बातें हो।
कुछ आप कहो, कुछ हम कहें, और बातें हौले-हौले हो..... ।
साँस तुम्हारी आये जब भी, धड़कन वो मेरी हो, साँस मेरी जाये जब भी, धड़कन वो तुम्हारी हो।
कुछ आप कहो, कुछ हम कहें, और बातें हौले-हौले हो..... ।
प्रेम हमारा कुछ ऐसा हो, बहार आये वो अपना हो, पतझड़ बस ईक सपना हो।
कुछ आप कहो, कुछ हम कहें, और बातें हौले-हौले हो..... ।
कुछ आप कहो, कुछ हम कहें, और बातें हौले-हौले हो...... ।
Please.. Comment if you like it!